पैगाम
तेरी मुस्कराहट का अंजाम देखा
वो कैसे गया तेरा पैगाम देखा
जो रस्ते से गुजरा तो सिजदे के माफिक
जमी पर लिखा जब तेरा नाम देखा
तडपते हुये दिल का तुफान देखा
मुहब्बत क्यो होती है बदनाम देखा
नही थी खबर दीनो दुनिया की लेकिन
छलकता हुआ इश्क का जाम देखा
1 टिप्पणियाँ:
मुहब्बत क्यो होती है बदनाम देखा !मतलब कुछ समझ में आया ! अच्छा है !
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