रविवार, 8 मार्च 2009
यादेंवो दिल भी क्या जो तुमसे मिलने की दुआ न करे ,
मै तुमको छोड कर जिन्दा रहूॅ खुदा न करे ा
रहेगा साथ तेरा प्यार जिन्दगी बन कर , ये और वात मेरी जिन्दगी वफा न करे ा
फलक पर आये सितारे तेरी सूरत बन कर ,
ये रात बीत न जाये कोयी दुआ न करे ा
जमाना देख चुका है परख चुका है मुझे,
यतीम जान के काबे मे इल्तजा न करे ा
हूॅ खुशनसीब जो पायी है जुदाइ तेरी ,
हमारी याद कभी तुमको गम जदा न करे ा
राहें
ये शाम यूही ढलेगी ,
ये रात यूही चलेगी ,
दिन का उजाला आयेगा,
जीवन का फसाना गायेगा ,
ये पहिया यूही घूमेगा ,
वक्त यूही झूमेगा ,
तुम चल सकते हो तो चल जाओ ,
तुम ढल सकते हो तो ढल जाओ
इतिहास युही दुहरायेगा ,
अंजाम वही बतलायेगा ,
है यही फसाना दुनिया का , अंजाम पुराना दुनिया का,
जो वक्त के आगे रहता है,
इलजाम वही बस सहता है,
इतिहास वही दुहराता है,
मंजिल पर पहुच जो पाता है ा
आग
ऐ आग तुने आज ये कैसा सितम दिया,
आबाद था शहर इसे वीरान कर दिया ा
मजहब की सियासत ने हवा जुझमे भर दिया ,
इंसा को तुने हिन्दू मुसलमान कर दिया ा
इन्हे राम बनाय उन्हे रहीम कर दिया,
तुने इन्हे सब रिस्ते नाते हीन कर दिया
जो खुद के लिए जिए वो वन्दा बना दिया
इंसा को तुने आज दरिन्दा वना दिया
बच्चो को तु ने गोद से मरहूम कर दिया
बहनो को उनके भाइयो से दूर कर दिया
इंसा के लहू को तुने पानी बना ,
मर्दो के चेहरे से वेा पानी हटा दिया
इंसानियत का आज हर रिस्ता मिटा दिया
इस शहर से एक-एक फरिस्ता हटा दिया
पत्थर के रहनुमाओ की सुरत बता दिया
चेहरे से आज इनके हर पर्दा हटा दिया ा
इवादत
जमाने से यू वे फयॉ जा रहे है,
नही है खवर हम कहॉ जा रहे है ा
बता मेरे मालिक जहॉ के रहनुमा
उम्मीदो पे तेरे कहॉ जा रहे है ा
न होगी खबर तेरे आने की लेकिन
तु आता तो है हम जहॉ जा रहे है
जमी पर कदम आसमा की है हसरत
मगर अब तो छोडे जहॉ जा रहे है ा


